लल्लो–चप्पो जो करे, वो साहब का खास
पूजा जिसने कर्म को, रहा दास का दास
रहा दास का दास, रखो आले में अक्कल
सारे निर्णय करो, देख साहब की शक्कल
बैगन के गुण छोड़, शाह की माला जप्पो
त्याग कर्म का मोह करो बस लल्लो–चप्पो ।।१।।
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