सोमवार, 23 जनवरी 2017

आह छिपानी भी है दर्द दिखाना भी

आह छिपानी भी है    दर्द दिखाना भी।
हाथ झटकना भी   संबंध निभाना भी।


तुम अपने हो,     खूब लाज़िमी है मेरा

तुमसे पतियाना भी   धोखे खाना भी।


हर सूरत  रखना   जीने में   सीरत यों

यां से जाना भी हो    यां रह जाना भी।


बीन  सरीखे बोल     जिंदगी के भी तो

नाच नचाना भी औ मन को भाना भी।


रुहानी हो इश्क कि दुनियावी 'नन्दन'

ख़ुद को खोना भी है उसको पाना भी।